विगत सात वर्षों में पहचान छुपाने की बजाय नई पहचान बना रहे प्रदेश के युवाओं के सपने साकार हुए हैं। वर्ष 2017 से 2024 के दौरान 6.5 लाख से ज्यादा युवाओं को प्रदेश में सरकारी नौकरी तथा 3.75 लाख युवाओं को संविदा पर नौकरी प्राप्त हुईं हैं। इसके अलावा दो करोड़ से अधिक युवाओं को प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं हैं। आत्मनिर्भर भारत के स्वांवलंबी उत्तर प्रदेश बनाने के संकल्प के साथ योगी सरकार ने प्रदेश के युवाओं के आत्मविश्वास को मजबूत किया और उनकी उम्मीदों को पंख लगाए हैं। इसके साथ ही नौकरी के अलावा युवाओं में उद्यमशीलता और कौशल विकास के मोर्चें पर भी प्रदेश में सात वर्षों में कई अभियान शुरू किए गए, जिसकी वजह से लाखों युवा नौकरी तलाशने की जगह स्वरोजगार के मंत्र को गुनगुना रहे हैं। आजादी के अमृतकाल में उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए योगी सरकार स्वर्णिमकाल बनकर उभरा है। रोजगार सृजन और कौशल विकास पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार द्वारा शुरू की गई एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना से रोजगार के अनेक अवसर पैदा हुए हैं। इससे तमाम हस्तशिल्पियों और युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं। इसके साथ ही कौशल विकास मिशन के तहत प्रदेश सरकार ने युवाओं को विभिन्न उद्योगों में रोजगार प्रदान करने के लिए अनेक कार्यक्रम शुरू किए हैं। इसी तरह स्टार्ट-अप प्रमोशन योजना के तहत योगी सरकार ने युवा उद्यमियों को वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचा का समर्थन देकर स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा दिया है। इसके तहत इनक्यूबेशन केंद्रों की स्थापना की गई और उनको वित्तीय सहयोग प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार एवं उद्यम के लिए प्रेरित करने को मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना' की शुरूआत की। इस अभियान के तहत 10 वर्षों में 10 लाख एमएसएमई इकाइयों को आर्थिक सहायता का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना के तहत युवाओं को उद्योग लगाने के लिए सरकार द्वारा पहले किस्त में 5 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण, दूसरी किस्त में 10 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाता है। योगी सरकार इस अभियान के तहत प्रति वर्ष 1 लाख युवाओं को सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के लिए बैंकों से ऋण दिलाकर वित्तीय अनुदान उपलब्ध कराएगी। इससे कुल मिलाकर प्रदेश में 50 लाख से अधिक युवाओं के रोजगार सृजन का अवसर उपलब्ध होगा, जिससे प्रदेश में रोजगार व उद्यमिता के नए अवसरों के विकास को बल मिलेगा। मिशन शक्ति अभियान प्रदेश की योगी सरकार ने वर्ष 2020 में मिशन शक्ति अभियान का शुभारंभ किया था। वैसे तो इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना हैं परंतु युवतियों को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाना भी इस अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी है। मिशन शक्ति के चौथे चरण में लगभग 1.5 लाख से अधिक लड़कियों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय सहायता, स्वरोजगार और अन्य योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया। मिशन रोजगार से बेरोजगारी पर प्रहार प्रदेश में बेरोजगारी खत्म करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के तहत मिशन रोजगार का शुभारंभ किया गया। सरकार ने पिछले सात वर्षों में इस अभियान को लगातार आगे बढ़ाया है। डबल इंजन की सरकार ने पिछले सात वर्षों में साढ़े छह लाख से ज्यादा युवाओं को योग्यता के अनुसार निष्पक्षता से सरकारी नौकरी प्रदान की है। सरकार ने राज्य में रोजगार सृजन के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से 3 लाख से अधिक युवाओं को संविदा पर नौकरियां उपलब्ध कराई हैं। इन नौकरियों में विभिन्न सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, और अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से संविदा पर नियुक्तियां शामिल हैं। बेरोजगारी उन्मूलन के लिए जीबीसी बनी मास्टर स्ट्रोक प्रदेश के सभी युवाओं को सरकारी नौकरी मिलना संभव नहीं है, यह तथ्य सर्वविदित है। ऐसे में हर हाथ को काम उपलब्ध कराने के लिए एवं बेरोजगारी दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के औद्योगिकीकरण पर जोर दिया। इसके लिए विगत सात वर्षों में प्रदेश में चार इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से सरकार ने विभिन्न राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा 60 लाख करोड़ रुपये के निवेश की मंशा जताई । वर्ष 2023 में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में तो विभिन्न कंपनियों ने 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी। बुनियादी सुविधाओं में विकास और निवेश के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराते हुए प्रदेश की सरकार ने फरवरी 2024 में 10 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी ( जीबीसी ) के माध्यम से 5000 से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हुआ। परिणामस्वरूप लगभग 40 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए। बेरोजगारी का सामना कर रहे युवाओं के लिए जीबीसी मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ है। उत्तर प्रदेश में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औद्यौगिक क्रांति ला रहे हैं। इस औद्यौगिक क्रांति से प्रदेश में नए उद्योग लगने की शुरुआत हो गई है जिसमें एक मजदूर से लेकर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़कर बाहर निकले युवाओं को रोजगार मिल रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास के मामले में प्रदेश के किसी भी हिस्से को पीछे नहीं छोड़ा है बुंदेलखंड से लेकर पूर्वांचल तक नए उद्योग लगाने का सिलसिला जारी है। इसके पीछे माननीय मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता यह है कि किसी भी युवा को काम की तलाश में अपना घर नहीं छोड़ना पड़े और उसे अपने ही जिले में नौकरी मिल जाए ताकि वो परिवार के साथ रहकर उसकी देखभाल कर सके।