उत्तर प्रदेश में सरयू नदी के तट पर बसा लगभग 30 लाख लोगों की आबादी वाला आध्यात्मिक शहर अयोध्या विकास के मानचित्र पर छा गया है। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व ने भगवान राम की नगरी अयोध्या के विकास में चार चांद लगा दिए हैं। 22 जनवरी 2024 को भगवान राम के नव विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद तो अयोध्या की तस्वीर ही बदल गई है। चौड़ी-चौड़ी सड़कें, ब्रिज, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन समेत इंफ्रास्ट्रक्चर में हुए महत्वपूर्ण बदलावों ने दुनियाभर के निवेशकों को अयोध्या में अपनी परियोजनाएं शुरू करने के लिए आकर्षित किया है। एक वाक्य में कहें तो माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार का ''अयोध्यानॉमिक्स'' उत्तर प्रदेश के विकास की नई गाथा लिख रहा है। बड़े निवेश से आर्थिक केंद्र के तौर पर बदल रही अयोध्या कभी बेहद शांत रहने वाला यह शहर आज अचानक 85,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र में बदल गया है। बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है। बेहतर सड़क संपर्क के लिए सड़कें और पुलें बनाए गए हैं। वॉटरफ्रंट को वॉटर मेट्रो सेवा के जरिये अन्य नदी तटों से जोड़ा गया है। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूरी दुनिया के लिए भगवान श्रीराम की जन्मभूमि और रामलला के भव्य मंदिर के दर्शन का जरिया बन गया है। रेलवे स्टेशन का जीर्णोद्धार किया गया है और इसका नाम बदलकर अयोध्या धाम जंक्शन कर दिया गया है। जीबीसी 4.0 के दौरान यहां 13,421 करोड़ की 376 परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था, जिसमें से अब तक 993 करोड़ रुपए की 88 परियोजनाओं ने मूर्त रूप ले लिया है। बाकी परियोजनाओं का भी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन जल्द शुरू होने की संभावना है। अयोध्या में खासतौर पर हॉस्पिटैलिटी सेक्टर ने निवेश में अपनी गहरी रुचि दिखाई थी, जिनमें अभिनंदन लोढ़ा हाउस, पीकेएच वेंचर्स लिमिटेड, पक्का लिमिटेड, द इनोवेटर्स डिजिटल एड्स प्राइवेट लिमिटेड और क्रेसकेंडो इंटीरियर्स जैसे बड़े नाम शामिल हैं। भारत की सबसे बड़ी मिनरल वाटर कंपनी बिसलेरी ने अयोध्या में एक ग्रीनफील्ड प्लांट स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। सजावटी पेंडेंट, चूड़ियां, लॉकेट, चाबी के छल्ले, माला आदि जैसे हस्तशिल्प की मांग बढ़ रही है। निर्यात और टैक्स कलेक्शन ने खोले आर्थिक समृद्धि के द्वार अयोध्या के आर्थिक पुनरुत्थान के सबसे महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक है निर्यात में पर्याप्त वृद्धि। उबला चावल, बिटुमिनस कोयला, भाप कोयला, आयुर्वेदिक मेडिसिन, पोस्टर पेपर, क्राफ्ट पेपर , वुड पल्प बोर्ड, बेकरी आदि कुछ ऐसे सेक्टर हैं जिनमें निर्यात में भारी इजाफा हुआ है। 2021-22 में विभिन्न क्षेत्रों में अयोध्या का निर्यात सिर्फ 110 करोड़ रुपये था जो 2022-23 में बढ़कर 254 करोड़ रुपये हो गया, जो 130% की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के आधार पर इसे बड़ी उपलब्धि माना गया है। एसबीआई रिसर्च ने हाल ही के एक पेपर में इस बात का दावा किया कि अयोध्या में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा राम मंदिर को प्रमुख पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की वजह से उत्तर प्रदेश राज्य 2024-25 में 5,000 करोड़ रुपये तक के टैक्स कलेक्शन कर सकता है। यह प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पाने की दिशा में एक लंबी छलांग हो सकती है। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर का विकास, रोजगार के बढ़े अवसर अयोध्या धाम में 2023 तक प्रतिवर्ष 20 लाख श्रद्धालु आते थे। लेकिन 2024 में इसमें जबरदस्त उछाल आया। 22 जनवरी को मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से 31 जुलाई तक की बात करें तो 190 दिनों ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का अयोध्या धाम में आगमन हुआ है। यानी औसतन एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु प्रतिदिन अयोध्या आ रहे हैं प्रभु श्रीराम का सुमग व भव्य दर्शन करने। इसका सबसे ज्यादा लाभ एक तरफ हॉस्पिटैलिटी सेक्टर का मिल रहा है तो दूसरी तरफ रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ छोटे दुकानदारों की आय में काफी इजाफा हुआ है। भव्य राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां के होटलों में कमरों की मांग लगातार बढ़ रही है। यहां 7000 से लेकर 20,000 रुपये तक के लग्जरी कमरे उपलब्ध हैं। मंदिर के आस-पास 150 से अधिक नए छोटे होटल और 1000 होमस्टे भी चल रहे हैं, जिससे नए उद्यमी पैदा हो रहे हैं और रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। ताज, रेडिसन, आईटीसी जैसे शीर्ष पांच सितारा होटल ब्रांड मांग में अनुमानित वृद्धि को पूरा करने के लिए नए होटल खोल रहे हैं। इंडियन होटल्स (आईएचसीएल) ने विवांता और जिंजर ब्रांड के तहत अयोध्या में दो नए होटल लॉन्च किए हैं। दोनों ही भारद्वाज ग्लोबल इंफ्रावेंचर्स के साथ साझेदारी में ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट हैं। कहने का मतलब यह कि जैसे-जैसे शहर समृद्ध होगा, एक दर्जन से अधिक पड़ोसी जिलों को इसका आर्थिक लाभ होगा, जो पूरे उत्तर प्रदेश के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाएगा। इसके अलावा राम मंदिर के आस-पास के बाजारों में राम की मूर्ति, सजावटी सामान बेचने वाले, हथकरघा व्यवसाय करने वाले कारीगरों को खूब फायदा हो रहा है। छोटे दुकानदारों की बात करें तो उनकी आय पहले जहां 400 से 500 रुपये प्रतिदिन की थी, अब यह बढ़कर रोजाना 2500 रुपये तक हो गई है। आज श्री अयोध्या जी में इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। 14 से 15 फ्लाइट श्री अयोध्या जी से देश के अलग-अलग स्थानों को जा रही हैं...: #UPCM @myogiadityanath#UPYogiBudget2024 pic.twitter.com/NHvnnIRecd — CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) February 7, 2024 वर्ल्ड क्लास सिटी के तौर पर विकसित हो रहा है शहर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने वादा किया है कि आने वाले वर्षों में यह पवित्र शहर एक विश्व स्तरीय शहर बन जाएगा क्योंकि यह सांस्कृतिक सौंदर्य को बनाए रखते हुए आधुनिक सुविधाएं स्थापित करने की योजना भी बना रहा है। मास्टर प्लान 2031 में परिकल्पित अयोध्या का पुनर्विकास मोटे तौर पर आठ थीम पर टिका है। इस योजना में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय, ग्रीन-फील्ड टाउनशिप, शहरी वन आदि शामिल हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप सरकार ने नव्य-भव्य श्रीराम मंदिर तक पहुंचने वाले जन्मभूमि पथ, रामपथ और भक्ति पथ के बाद अब भ्रमण पथ का एक चौथाई कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके बन जाने से रामभक्त सरयू स्नान के बाद सीधे रामलला के दर्शन के लिए पहुंच सकेंगे। सभी दृषटिकोन से अगर देखा जाए तो अयोध्या विकास का एक आदर्श उदाहरण बन चुकी है, जिससे पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है।