उत्तर प्रदेश को देश का स्पोर्ट्स हब बनने जा रहा है। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में पिछले सात वर्षों में ऐसी नीतियां लागू की गईं हैं, जिससे राज्य में खिलाड़ियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हुआ। वहीं, राष्टीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले राज्य के खिलाड़ियों के सम्मान और रोजगार के लिए सरकार की योजना से नवोदित खिलाड़ियों की उम्मीदों को परवान चढ़ाया है। अब महज शौक नहीं बल्कि कैरियर बनाने के मद्देनजर भी युवा-युवतियां खेलों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में खेल ढांचे को सुधारने और राज्य को खेलों का पावरहाउस बनाने के लिए योगी सरकार ने खेल नीति को मंजूरी प्रदान की है और राज्य खेल प्राधिकरण का गठन किया है। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से आज वैश्विक स्तर की खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी उत्तर प्रदेश को मिल रही हैं, वहीं प्रदेश के युवा भी खेलों को लेकर आकर्षित हो रहे हैं। जिससे नई खेल प्रतिभाओं को निखार हो रहा है। विकास खंड स्तर पर बनेंगे स्टेडियम प्रदेश के सभी 825 विकास खंडों में एक स्टेडियम और ओपन जिम बनाया जाएगा। उन जिलों से इसकी शुरुआत की जाएगी, जहां पर फिलहाल एक भी स्टेडियम नहीं है। स्टेडियमों में 200 से 400 मीटर तक का रनिंग ट्रैक अनिवार्य होगा।स्टेडियम में एक मल्टीपरपज हॉल भी बनाया जाएगा। इसके पश्चात सभी सरकारी और वित्त पोषित माध्यमिक स्कूलों में भी स्टेडियम बनाए जाएंगे। योगी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के पहले ही साल में उत्तर प्रदेश में 77 स्टेडियम, 68 बहुउद्देश्यीय स्पोटर्स हॉल, 39 तरणताल, 2 अंतरराष्टीय क्रिकेट स्टेडियम, 14 सिंथेटिक हाकी मैदान, 36 जिम, 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक,19 डोरमेट्री, 16 बास्केट बॉल स्टेडियम, 11 कुश्ती हाल, 11 बैंडमिंटन हाल का निर्माण करा चुकी है। तीन श्रेणियों में खेल प्रतिभाओं को कर रहे तैयार प्रदेश में खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए तीन श्रेणियां बनाई गईं हैं। पहली श्रेणी में 'ग्रास रूट' लेवल पर खेल की शुरुआत कर रहे खिलाड़ियों को तैयार किया जा रहा है। दूसरी श्रेणी में बेहतर प्रदर्शन और आगे बढ़ने की अच्छी संभावनाएं हैं,उनको तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा 'एलीट' श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा। खेल के मैदानों की संख्या होगी 60 हजार के पार उत्तर प्रदेश सरकार की नई खेल नीति में खेलों के बढ़ावा देने के लिए हर स्कूल में 40 मिनट का स्पोर्ट पीरियड अनिवार्य किया गया है। साथ ही खेल सुविधाओं की मैपिंग के लिए खेल साथी ऐप बनाने की तैयारी है। स्कूलों में स्पोर्ट्स एकेडमी खोलने तथा प्रत्येक जिले में प्रतिभा खोज कमेटी बनाई गई है, जो हर साल 5-5 नए प्रतिभावान खिलाड़ियों को चिन्हित करती है। अभी प्रदेश में लगभग 30 हजार खेल के मैदान हैं, इन्हें दोगुना करके 60 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक खिलाड़ी का होगा रजिस्ट्रेशन खेल विभाग के स्टेडियमों में खेल सीखने वाले प्रत्येक खिलाड़ी का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। उन खिलाड़ियों को सरकार की ओर से 5 लाख रुपये का फ्री हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा प्रदान की जा रही है। साथ ही खेलते वक्त चोट लगने पर सरकार की ओर से निशुल्क इलाज की व्यवस्था की जा रही है।. इस इंश्योरेंस और इलाज के लिए पैसों की व्यवस्था सरकार के एकलव्य क्रीड़ा कोष से की जा रही है। प्रदेश में 14 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य व देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण के लिए अगले पांच साल में 14 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। साथ ही हर मंडल में फीजियो ट्रेनर और डायटीशियन की नियुक्ति की जाएगी। योगी सरकार ने खेलों के विकास के लिए उत्तर प्रदेश खेल विकास कोष की स्थापना की शुरुआत की है। खेल विकास कोष से राज्य के श्रेष्ठ खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उपकरण खरीदने में आसानी होगी, जबकि विदेशों में ट्रेनिंग और प्रदर्शन का मौका भी मिलेगा। इसके अलावा खिलाड़ियों को विदेशी प्रशिक्षक, फिजियोथेरेपिस्ट और मनोवैज्ञानिक की भी सेवाएं मिल सकेंगी। खेलों के विकास के लिए खोल दिया खजाना उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को समर्थन देने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 के बजट में जिलों में खेल के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1950 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह आवंटन, जो 2023-24 की तुलना में 67 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश सरकार का यह कदम मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने और राज्य भर में खिलाड़ियों के लिए मूल्यवान अवसर प्रदान करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। वन डिस्ट्रिक वन स्पोटर्स योजना पर अमल ओडीओपी योजना की तर्ज पर योगी सरकार प्रदेश के सभी 75 जिलों में वन डिस्ट्रिक वन स्पोटर्स योजना पर काम कर रही है। हर जिले में खेल के लिए कोच भी नियुक्त किए जा रहे हैं। इसके लिए हर जिले को बजट जारी किया गया है। जल्द ही हर जिले में इस योजना के तहत कोच भी रखे जाएंगे। इससे खिलाड़ियों के जीवन को और बेहतर बनाया जा सकेगा। युवा कल्याण विभाग के तहत युवक मंगल दल का गठन किया गया है।गांव-गांव में ग्राम विकास विभाग और पंचायत में जो खेल के मैदान हैं उन्हें भी विकसित किये जाने का काम किया जा रहा है। बताते चलें कि वर्ष 1981 से 2017 तक उत्तर प्रदेश में जहां 80 स्टेडियम बनाए गए थे वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में 41 स्टेडियम बनाए गए हैं। मेरठ में पहली स्पोटर्स युनिवर्सिटी का निर्माण शुरू उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मेरठ शहर में 91.38 एकड़ भूमि पर लगभग 700 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करा रही है। प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी न 2 जनवरी 2022 को प्रदेश के पहले स्पोटर्स विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी थी। अब यहां तेजी से खेल विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य चल रहा है। खेल यूनिवर्सिटी में छात्रावास, प्रशासनिक ब्लॉक, एकेडमिक ब्लॉक, ऑडिटोरियम, सेंट्रल लाइब्रेरी, अतिथि गृह, कुलपति आवास, पुरुष छात्रावास, महिला छात्रावास, अधिकारियों व कर्मचारियों के अलग-अलग टाइप 2, 3, 4 व 5 आवास भी बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा मल्टीपरपज हॉल, जिमनेजियम, योगा हॉल, गार्ड रूम, बास्केट बॉल, लॉन टेनिस, वॉलीबॉल, 60 मीटर शूटिंग रेंज, 90 मीटर शूटिंग रेंज व 125 मीटर शूटिंग रेंज, 100 मीटर ट्रैक, हाकी ग्रांउड, फुटबॉल, एथलेटिक्स, हैंडबॉल कोर्ट आदि खेल भी यहां होंगे। खिलाड़ियों के लिए खेल साथी पोर्टल माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने प्रदेश में खेलों के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल को प्राथमिकता दी है। इसी क्रम में खेल विभाग द्वारा खेल साथी khelsathi पोटर्ल बनाया गया। इसके माध्यम से खिलाड़ियों की भर्ती, पुरस्कार और सीधी भर्ती के लिए पंजीयन की सुविधा है। इसके अलावा स्टेडियम, जिम, गेस्ट हाउस और स्विमिंग पूल के लिए बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। इस पोटर्ल के माध्यम से ही खेल कालेज में प्रवेश, छात्रावास में प्रवेश, खेल कैलेंडर तथा कोच की सुविधा प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। खिलाड़ियों को भी किया जा रहा प्रोत्साहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को लेकर भी व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। योगी सरकार ने विभिन्न खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए आवासीय क्रीड़ा छात्रावासों में 50 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को 1.50 लाख रुपए मानदेय पर प्रशिक्षण के लिए रखा है। इसी मद में प्रदेश में एकलव्य क्रीड़ा कोष से 142 खिलाड़ियों को वर्तमान में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। प्रदेश के अंतर्राष्ट्रीय खेलों (ओलंपिक, विश्वकप, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स) में पदक विजेता खिलाड़ियों की राजपत्रित पदों पर सीधी भर्ती की व्यवस्था भी की गई है। अब तक शासकीय और सार्वजनिक उपक्रमों में लोकसेवा आयोग की परिधि के बाहर के पदों की नियुक्ति के लिए 2 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार ने की है जिसके माध्यम से 500 खिलाड़ियों को उत्तर प्रदेश शासन की सेवाओं में और खासकर उत्तर प्रदेश पुलिस बल में समायोजित किया गया है।