औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश हमेशा से अग्रणी रहा है। हालांकि इस इलाके का समग्र विकास न होकर महज नोएडा, मेरठ और सहारनपुर तक ही विकास की रोशनी पहुंच सकी। इसके व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रदेश में वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद से मुजफ्फरनगर और बिजनौर जैसे जिले में सड़कों का जाल बिछाया गया। कानून व्यवस्था में गुणात्मक सुधार हुआ और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता की वजह से बड़े महानगरों ही नहीं दूसरे शहरों की तरफ कारोबारियों ने अपना रूख किया। जिसके परिणामस्वरूप इसी वर्ष फरवरी माह में करीब 11 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों को बिजनौर में धरातल पर उतारा गया। अगले कुछ वर्षों में महज काष्टकला और गन्ना उत्पादों के लिए ही नहीं बल्कि अन्य उत्पादों के लिए बिजनौर जिला वैश्विक स्तर पर नई पहचान गढ़ने के लिए तैयार हो रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरे संकल्प के साथ बिजनौर के उद्यमियों के विकास एवं युवकों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध मुहैया कराने के लिए कृत संकल्प हैं। पर्यटन और कृषि ही नहीं अब औद्योगिक उत्पादों की भी चमक योगी सरकार के प्रयासों की वजह से कृषि के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में बिजनौर बहुत तेजी से उभरकर सामने आया है। अमनगढ़ टाइगर रिजर्व और रामगंगा में राफ्टिंग ने तो पर्यटन क्षेत्र में जनपद को नई ऊंचाइयां प्रदान की हैं। इसके अलावा जिले में औद्योगीकरण ने रफ्तार पकड़ी तो स्वास्थ्य सेवाओं की तो पूरी तरह कायापलट हो गई। जिले में औद्योगिक, कृषि, हस्तकला, पर्यटन, काष्ठकला आदि अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में बेहतर कार्य किए जा रहे हैं, जहां पहले गिनती के अस्पताल होते थे अब मेडिकल कालेज बिजनौर की शान बढ़ा रहा है। जहां आजादी से पहले पक्की सड़कें गिनती की थीं, वहीं आज हाईवे का जाल बिछ चुका है। आज जनपद के हर गांव में बिजली है, शिक्षा के लिए बड़ी बड़ी संस्थाएं हैं तो संचार क्रांति के चलते हर घर में कई कई मोबाइल हैं। सामाजिक सुधार की बात करें तो महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़चढ़कर हिस्सा ही नहीं ले रहीं बल्कि ओलंपिक तक में खेल रही हैं। बेल्जियम की एग्रीस्टो मासा कंपनी 500 करोड रूपये से लगाएगी प्रोसेसिंग प्लांट बिजनौर का वातावरण औद्योगिक विकास के लिए बहुत अनुकूल है, यहां विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता के विकास की अपार सम्भावनाएं मौजूद है। बेल्जियम की एग्रीस्टो मासा कंपनी यहां 500 करोड रूपये का एक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित कर रही है। इस कंपनी का मुख्यालय हरेलबेक में है। जिसकी नीदरलैंड में उत्पादन इकाइयां हैं। यह कंपनी आलू से विभिन्न उत्पाद बनाती है। एग्रीस्टो मासा ने अगले पांच सालों में चरणबद्ध तरीके से जिले में आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। सब कुछ ठीक रहा तो धरातल पर इस कंपनी का उद्योग आते ही जिले के औद्योगिकीकरण को नई ऊंचाई मिलेंगी। अब आलू प्रसंस्करण की विदेशी कंपनी का उद्योग लगने से जिले में आलू की डिमांड बढ़ जाना स्वभाविक है। ऐसे में आलू उत्पादक किसानों को नुकसान होने की गुंजाइश नहीं बचेगी। फिलहाल जिले में चार हजार हेक्टेयर जमीन में आलू की फसल पैदा की जाती है। आमतौर पर जिले में कुफरी प्राई सोना और कुफरी बहार 3797 प्रजाति की पैदावार ली जाती है। आलू की इन दोनों ही प्रजातियों से चिप्स और अन्य आलू के उत्पाद बन जाते हैं। अब विदेशी कंपनी आने के बाद जिले में आलू का रकबा बढ़ना तय है। देश का सबसे बड़ा बॉटलर एसएलएमजी लगायगा कोका कोला शीतल पेय निर्माता विश्वप्रसिद्ध कंपनी कोका-कोला बिजनौर में भारत का सबसे बड़ा बॉटलर एसएलएमजी और शुगर सिरप, जूस मैन्युफैक्चरिंग, पल्प एक्सट्रैक्शन और बॉटलिंग यूनिट स्थापित कर रहा है। यह परियोजना 509 करोड़ रुपए की है। जिससे करीब एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। वैसे नजीबाबाद में कोका कोला कंपनी की फैक्ट्री नब्बे के दशक में हो गई थी। बाद में इस फैक्ट्री को गोदाम के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। पिछली सरकारों की अनदेखी के चलते कोका कोला का प्लांट बंद होने के बाद कोई भी बड़ी औद्योगिक इकाई बाद के वर्षों में यहां नहीं आई। लापरवाही और उपेक्षा के चलते नजीबाबाद में पूरी तरह से कोका कोला की फैक्टरी का नामोनिशान मिट गया। बिजनौर का पानी कोका को cola बनकर पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड की प्यास बुझाएगा। करीब 20 हेक्टेयर जमीन में बॉटलिंग इकाई की स्थापना होगी। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। शुगर उद्योग के क्षेत्र में 300 करोड़ का निवेश बिजनौर के किसानों द्वारा उत्पाद किया जा रहा गुड़ एवं जैविक उत्पादों की विदेशो मे निरंतर रूप से मांग बढ़ रही है। । इस वजह से धामपुर चीनी मिल ने शुगर उद्योग के क्षेत्र में 300 करोड़ के निवेश का फैसला लिया है। इसके अलावा अन्य शुगर मिल मालिकों ने 200 करोड़ के निवेश का भरोसा दिया है। वर्तमान में जिले में नौ चीनी मिलें हैं, जिनमें से एक सहकारी व शेष निजी हैं। नवंबर से मई तक चलने वाले पेराई सीजन के दौरान ये मिलें रोजाना 6.5 लाख क्विंटल से ज्यादा गन्ने की पेराई करती हैं। लखीमपुर के बाद गन्ने की खेती में बिजनौर राज्य में दूसरे स्थान पर है। रोजाना 1 लाख बोरी चीनी तैयार की जाती है। यानि पचास हजार कुंटल चीनी रोजाना बिजनौर जनपद की चीनी मिलें बनाती हैं, जिनको एक किलो से लेकर पचास किलो की पैकिंग करा कर देश और दुनिया के करीब पचास से अधिक देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है। देश की ब्रश नगरी के रूप में शेरकोट कस्बे की पहचान बिजनौर जिले के धामपुर विधानसभा क्षेत्र के शेरकोट टाउन को भारत की 'ब्रश नगरी' कहा जाता है। शहर के प्रमुख और लघु उद्योगों में केवल पेंटिंग और ड्राइंग ब्रश शामिल हैं और इससे संबंधित कार्य शहर के लगभग हर घर में किए जाते हैं। कुछ व्यक्तिगत लघु कृषि को छोड़कर ब्रश का काम शहर के लोगों की प्रमुख आजीविका है। शेरकोट शहर में लगभग 600 लघु-स्तरीय और कुटीर उद्योग इकाइयाँ हैं जो भारत में अनुमानित 70 प्रतिशत पेंटिंग और ड्राइंग ब्रश का उत्पादन करती हैं। इस उद्योग से 25,000 से 30,000 लोगों को रोजगार मिला है और सरकार के प्रयासों से यहां के बने ब्रश विदेशों में भी निर्यात किए जाते हैं। मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी के विशेष प्रयासों से शेरकोट के ब्रश उद्योग को राष्ट्रीय एवं अंर्तराष्ट्रीय स्तर का उत्पाद बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि शेरकोट का ब्रश उद्योग राष्ट्रीय स्तर पर मांग के सापेक्ष शत प्रतिशत रूप से ब्रश की आपूर्ति कर सके और साथ ही अर्तंराष्ट्रीय स्तर पर एक नई शान के साथ ब्रश के बाजार में अपना प्रभावी स्थान बना सके। नगीना के काष्ठ कला उद्योग को जीआई प्रमाणपत्र मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी के प्रयासों से बिजनौर के नगीना में काष्ठ कला उद्योाग को जीआई प्रमाण पत्र हासिल हुआ है। यहां की लकड़ी की नक्काशी ने इसे दुनिया भर में 'लकड़ी शिल्प शहर' का नाम दिलाया है। प्रदेश सरकार द्वारा ‘वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) के तहत उद्योगों को ऋण उपलब्ध कराएं जा रहे हैं। साथ ही साथ 25 प्रतिशत सब्सीट्यूट उद्योग के लिए संजीवनी का काम कर रहे हैं। योगी सरकार द्वारा एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना भी की गई है। इस योजना में 240 उद्यमों को 9 करोड़ 86 लाख ऋण उपलब्ध कराया गया है। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंधेरे में डूबे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विकास की रोशनी से जगमग कर दिया है। कभी यहां पर इंसान तो क्या जानवर भी सूरज ढलने के बाद घर से बाहर निकलने से डरता था लेकिन कानून-व्यवस्था सही कर ना केवल यहां पर नया उद्योग लाया गया बल्कि युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मुहैया कराया गया। बिजनौर जिले में शायद ही ऐसा कोई विधानसभा क्षेत्र हो जहां पर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास की गंगा ना बहाई हो। जिले और क्षेत्र का समग्र विकास करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निकट भविष्य में भी बिजनौर के लिए बड़ी परियोजनाओं की घोषणा कर सकते हैं।