प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने 8 वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश की आधी आबादी की सुरक्षा, स्वावलंबन और सम्मान को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता दिखाई है। महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने तथा उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कार्यों के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। वर्ष 2017 में प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश की आधाी आबादी के सशक्तिकरण पर जोर दिया है। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उनको स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया गया। वहीं महिला सुरक्षा को लेकर भी तमाम अभियान चलाए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप राज्य की महिला श्रम बल में भागीदारी दर 2017-18 में 14.2 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 32.10 प्रतिशत हो गई है। महिलाओं की सुरक्षा योगी सरकार की प्राथमिकता महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सख्त योगी सरकार ने विगत 8 वर्षों में प्रदेश के सभी 1584 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की है। प्रत्येक जनपद में एक अतिरिक्त महिला थाने के साथ-साथ अतिरिक्त महिला परामर्श चौकी की स्थापना की गई है। प्रदेश के सभी जिलों में वन स्टाप सेंटर तथा थानों में महिला बीट का गठन कर महिला अधिकारियों की नियुक्त की गई है। प्रदेश सरकार ने लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में महिला पीएसी बटालियन की स्थापना की है। महिला अपराधों पर योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की वजह से प्रदेश में 2016 के मुकाबले 2024 में दहेज की घटनाओं में तुलनात्मक तौर पर 17.5 प्रतिशत की कमी आई है जबकि दुष्कर्म की घटनाएं भी 25 फीसदी कम हुई हैं। ई-प्रॉसिक्यूशन प्रणाली को लागू करने में उत्तर प्रदेश का देश में नंबर 1 स्थान है। महिला और बाल अपराध संबंधी अभियोगों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है...: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/kmAfqdB7i5 — CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 30, 2024 महिला अपराधों के निस्तारण में यूपी नंबर वन इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फार सेक्सुअल अफेंस (आईटीएसएसओ) पोर्टल के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिला अपराधों के निस्तारण की दर सर्वाधिक 98.70 प्रतिशत है। महिला संबंधी अपराधों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में देश में पहले स्थान पर है। कानून और व्यवस्था में सुधार के कारण 2022 और 2024 के बीच महिला कार्यबल की भागीदारी 16% से बढ़कर 32% हो गई। महिला हेल्पलाइन और महिला साइबर सेल महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने की प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत महिला हेल्पलाइन 1090 की स्थापना की गई है। यह हेल्पलाइन महिला संबंधी अपराधों को नियंत्रित करने और अपराधियों को सजा दिलाने में अग्रणी है। इस हेल्पलाइन पर आने वाली 99 फीसदी शिकायतों का तत्काल निस्तारण किया जाता है। इसी क्रम में सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर महिला साइबर सेल का भी गठन किया गया है। वीमेन पावर लाइन 1090 द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्ध फोन बुलिंग, फोन स्टाकिंग, मोबाइल द्वारा छेड़खानी, साइबर स्टाकिंग, साइबर लैंगिक उत्पीड़न, घरेलू हिंसा जैसे अपराधों को रोकने के लिए हेल्पलाइन पर पिछले एक वर्ष में 3,86,059 शिकायतें आईं , जिनमें 3,71,315 शिकायतों का निस्तारण किया गया है। महिला बीट कर्मी द्वारा 1,13,180 महिला अपराध की पीड़िताओं से मुलाकात की गयी, 1,61, 673 पीड़िताओं के परिजनों की काउन्सलिंग कर सहायता उपलब्ध करायी गयी, 02 लाख 24 हजार 974 हिस्ट्रीशीटर चेक किये गये तथा 1,24, 946 न्यायालय संबंधी आदेशों को तामीला कराया गया। ऑपरेशन त्रिनेत्र शुरू किया गया है प्रदेश की महिलाओं, बालिकाओं, बुजुर्गों, बच्चों आदि को सुरक्षा देने के लिए माननीय मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन त्रिनेत्र शुरू किया है. जिसमें महत्वपूर्ण स्थानों यथा-चौराहा/ तिराहा, बैंक, स्कूल/कॉलेज, व्यापारिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पम्प, ग्राहक सेवा केन्द्र, होटल, गेस्ट हाउस, सर्राफा दुकान, धार्मिक स्थल आदि पर आपरेशन त्रिनेत्र के अन्तर्गत सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है। इसका संचालन पूरे प्रदेश के सभी थानों में किया जा रहा है। आपरेशन त्रिनेत्र अभियान के अन्तर्गत अब तक 3,55, 663 स्थानों पर साढ़े आठ लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ।अभियान के दौरान अब तक प्रदेश में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से 1475 घटनाओं का अनावरण किया जा चुका है। जिनमें लूट/डकैती के 220, हत्या के 95, अपहरण के 49, बलात्कार/छेड़खानी 34, चोरी/नकबजनी के 814 व अन्य 263 प्रकरणों का खुलासा हुआ है। एंटी रोमियो स्क्वायड से सुरक्षा का माहौल मुख्यमंत्री आदरणीण योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर गठित एंटी रोमिया स्क्वायड ने महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा का एहसास कराया है। पिछले छह माह में प्रदेश भर में 1678 एंटी रोमियो स्क्वायड ने अभियान चलाया। जिसमें 3324 पुरुष और 4090 महिला पुलिसकर्मी शामिल थीं। स्क्वायड ने शोहदों की पहचान के लिए प्रदेश के 3076246 स्थानों की चेकिंग की। इनमें स्कूल,सार्वजनिक स्थलों जैसे चौराहे,बाजार,मॉल्स,पार्क एवं अन्य स्थान शामिल हैं। इन स्थानों पर कुल 1,34,33,261 व्यक्तियों की चेकिंग की गयी। इस दौरान 7563 मुकदमे दर्ज किए गए, जबकि 9512 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं 48,92,991 व्यक्तियों को चेतावनी देकर छोड़ा गया। 2017-24 के बीच पॉक्सो अधिनियम में 9875 अभियोगों में सजा दिलाई गई है। 2022 से 2024 के मध्य महिलाओं के विरुद्ध पॉक्सो अपराध में 16,718 अभियुक्तों को सजा दी गई है, जिसमें 21 को मृत्युदंड, 17,013 को आजीवन कारावास, 4653 को दस वर्ष या उससे अधिक का कारावास और 10,331 को दस वर्ष से कम के कारावास की सजा दी गई है। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के प्रयासों से ना केवल प्रदेश को महिला अपराध मुक्त बनाने की कोशिश की जा रही है बल्कि प्रदेश की बहन-बेटियों को आर्थिक मोर्चे पर भी सक्षम करने का काम प्रदेश सरकार कर रही है। आपको ये जानकर खुशी होगी कि महिलाओं द्वारा खोले गए स्टार्टअप में उत्तर प्रदेश का स्थान देश में दूसरे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश में 5556 स्टार्ट अप ऐसे हैं जिन्हें महिलाएं चला रही हैं। इस श्रेणी में महाराष्ट्र नंबर 1 पर है जब्कि दिल्ली नंबर 3 पर है। हर रोज प्रदेश सरकार का प्रयास रहता है कि वो प्रदेश की माता-बहनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आएं।