शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा...। देश की आजादी के लिए अपने प्राणो को न्यौछावर करने वाले अनेकों ज्ञात और अज्ञात क्रांतिवीरों के लिए हिंदी के प्रसिद्ध कवि जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी' ने यह पंक्तियां लिखीं थीं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों ने 9 अगस्त 1925 को अंग्रेज सरकार के खजाने को लेकर जा रही ट्रेन को काकोरी में लूट कर ब्रितानी हुकूमत को सीधे तौर पर चुनौती दी थी। इस ऐतिहासिक घटना का यह शताब्दी वर्ष है। अगले वर्ष 2025 में इस घटना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले शहीद रणबांकुरों के शौर्य का स्मरण करने एवं युवाओं को देश प्रेम के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार शताब्दी वर्ष को धूमधाम एवं उत्साह से मनाने जा रही है। आज से पूरे वर्ष क्रांतिकारियों की याद में प्रदेश भर में तमाम आयोजन होंगे। जिससे प्रदेश के युवा और नई पीढ़ी क्रांतिवीरों के अतुलनीय योगदान के बारे में जान सकें और प्रेरणा लें। काकोरी ट्रेन एक्शन स्वतंत्रता संग्राम की अमर कहानी काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना देश के स्वाधीनता संग्राम की अमर कहानी है। आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों को मात देने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने 9 अगस्त 1925 को सहारनपुर से लखनऊ जा रही ट्रेन को काकोरी में लूटा था। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह और चन्द्रशेखर आजाद ने अपने शौर्य, संकल्प, साहस, स्वातंत्र्यप्रेम एवं त्याग का अद्भुत परिचय देते हुए 08 डाउन, सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन को काकोरी के पास रोककर 4679 रुपये, 01 आना और 06 पाई लूट लिए। अंग्रेज सरकार इस घटना से पूरी तरह हिल गई और उसने मात्र 4680 रुपये की लूट पर कार्रवाई के लिए 8 लाख रुपये से अधिक खर्च किए और 40 लोगों को बंदी बनाया एवम 29 पर अभियोग चलाया। काकोरी ट्रेन कांड अंग्रेज सरकार के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध की बड़ी घटनाओं में शुमार की जाती है। अंग्रेज सरकार ने दो साल तक मुकदमे के बाद इस कांड में पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी और अशफाकउल्ला खान को फांसी दे दी थी। मुख्य आयोजन: उत्तर प्रदेश सरकार ने काकोरी ट्रेन एक्शन की शताब्दी वर्ष के आयोजन के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला तैयार की है। इस श्रृंखला में महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, और अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों की जयंती पर आयोजनों के साथ, ड्रोन शो, प्रदर्शनी, साइकिल रैली और खेल प्रतियोगिताएं शामिल हैं। 12 जनवरी 2025 को राज्य युवा महोत्सव, 9 अगस्त 2025 को शताब्दी समारोह का भव्य समापन किया जाएगा।