बात चाहे सुशासन की हो, संपन्नता की अथवा सार्वभौमिकता की। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने 21वीं सदी के आरंभ में सशक्त और समृद्ध भारत की जो नींव रखी, मौजूदा सरकारें उसी नींव पर बुलंद भारत की शानदार इमारत तैयार कर रही हैं। अटल जी ने देश को सुशासन, विकास और विश्वास का मंत्र दिया। जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान के नारा देने वाले अटल जी ने पोखरण में पांच परमाणु विस्फोट करके पूरे विश्व को सशक्त भारत की अनुभूति कराई। उनके इस कदम के बाद भारत पर कई तरह के प्रतिबंध लगे। हालांकि ये उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रभाव था कि इसका देश के खजाने पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाह समिति, व्यापार एवं उद्योग समिति भी पहली बार उनकी सरकार में ही गठित हुई थी। वाजपेयी ने 1991 में पीवी नरसिंह राव सरकार द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों की भावना को आगे बढ़ाया। तमाम विषमताओं के बीच सशक्त भारत बनाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को भारत कभी भुला नहीं सकता। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना और पीएम सड़क योजना की दी सौगात पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के मेट्रो शहरों को ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के गांवों को भी सड़कों से जोड़ने की योजनाएं शुरू कीं। इसमें स्वर्णिम चतुर्भुज योजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का महत्वपूर्ण स्थान हैं। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाइवेज के नेटवर्क से जोड़ने में मदद की। वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने देश के दूर-दराज इलाकों में बसे गांवों तक सड़क पहुंचाने का काम किया। इससे इन गांवों के लिए शहरों से जुड़ना आसान हुआ। माना जाता है कि अटल जी के शासनकाल में भारत में जितनी सड़कों का निर्माण हुआ इतना केवल शेरशाह सूरी के समय में ही हुआ था। आर्थिक सुधारों को दी रफ्तार प्रधानमंत्री रहने के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने वित्तीय उत्तरदायित्व अधिनियम लाए थे। इस अधिनियम के जरिये देश का राजकोषीय घाटा कम करने का लक्ष्य रखा गया। वाजपेयी सरकार के इस कदम ने पब्लिक सेक्टर सेविंग्स को बढ़ावा दिया। इसके चलते 2000 में जो सेविंग्स जीडीपी का 0.8 फीसदी थी. वह 2005 में बढ़ कर 2.3 फीसदी हो गई थी। उन्होंने आर्थिक सुधारों को पेश किया और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले गए। 1998 से 2004 तक उनके कार्यकाल में भारत की जीडीपी ग्रोथ की बढ़ोतरी 8 फीसदी तक हुई, महंगाई दर 4 फीसदी से कम और विदेशी मुद्रा भंडार पूरी तरह भरे रहे। संचार क्रांति की दी धार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भले देश में दूरसंचार क्रांति का जनक माना जाता हो लेकिन अटल विहारी वाजपेयी ने देश में संचार क्रांति के विस्तार में अहम भूमिका निभाई। उनकी सरकार ने टेलीकॉम फर्म्स के लिए फिस्क्ड लाइसेंस फीस को हटा कर रेवेन्यू-शेयरिंग की व्यवस्था की और भारत संचार निगम लिमिटेड का गठन भी किया। इसके साथ ही टेलीकॉम डिस्प्यूट सेटलमेंट अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन किया। इस ट्रिब्यूनल ने इस क्षेत्र की शिकायतों का निवारण समय रहते करने की व्यवस्था तैयार की थी। बीमार सार्वजनिक उपक्रमों का किया विनिवेश अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल के दौरान कारोबार में सरकार का दखल कम करने के लिए निजीकरण को अहमियत दी।इसी का परिणाम था कि उनकी सरकार ने एक अलग विनिवेश मंत्रालय का गठन किया। पहली बार, उन्होंने बीमार सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण करने के लिए विनिवेश विभाग की स्थापना की। अरुण शौरी पहले विनिवेश मंत्री बने थे। इस दौरान भारत एल्युमीनियम कंपनी , हिंदुस्तान जिंक, इंडिया पेट्रोकेमिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड और वीएसएनएल प्रसिद्ध विनिवेश थे। देश की राजनीति में सार्वजनिक जीवन का लगभग 06 दशक एक निष्कलंक जीवन जीते हुए, भारतीय राजनीति को एक नई ऊंचाइयों तक पहुंचाते हुए 16 अगस्त 2018 को श्रद्धेय अटल जी ने इस भौतिक जगत से अपना अवसान किया...: #UPCM @myogiadityanath#AtalBihariVajpayee ▶️ https://t.co/XGIeq7e2H4 pic.twitter.com/xQhWQni2gC — CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 16, 2024 सर्व शिक्षा अभियान के जरिया शिक्षा का प्रसार वाजपेयी सरकार के सबसे सफल सामाजिक अभियानों में से एक था सर्व शिक्षा अभियान। इसके जरिये इस सरकार ने 6 से 14 साल की उम्र के बच्चों को मुफ्त प्राथमिक शिक्षा देने का प्रावधान किया था।इसी योजना का परिणाम था कि 2001 में लॉन्च हुई इस योजना के महज 4 साल के भीतर स्कूलों से दूर रहने वाले बच्चों की संख्या में 60 फीसदी की कमी आई। संविधान समीक्षा आयोग का गठन वाजपेयी सरकार ने संविधान में संशोधन के लिए संविधान समीक्षा के राष्ट्रीय आयोग का गठन किया था। सुप्रीम कोर्ट के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश एम एन वेंकटचलाइया के अगुवाई वाले आयोग ने 249 सिफ़ारिशें की लेकिन इस आयोग और उनकी सिफ़ारिशों का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था, जिसके बाद वाजपेयी सरकार संविधान को संशोधित करने के काम को आगे नहीं बढ़ा पाई। उड्डयन क्षेत्र के विकास को मिली गति वाजपेयी सरकार ने 2000 में पहली बार एयर इंडिया के विनिवेश का निर्णय लिया था। वाजपेयी सरकार द्वारा लाई गई 'ओपेन स्काई' नीति ने भारतीय उड्डयन क्षेत्र के विकास और विस्तार की आधारशिला अवश्य रख दी थी। साथ ही पहली बार निजी घरेलू एयरलाइनों को दक्षेस देशों की उड़ाने भरने की अनुमति मिली थी। विज्ञान और अनुसंधान से विकास का उद्घोष भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने चंद्रयान-1 परियोजना पारित की। उन्होंने यह योजना बनाई कि भारत 2008 तक चंद्रमा के लिए अपना स्वयं का अंतरिक्ष यान भेज देगा। इसे चंद्रयान नाम दिया गया। उन्होंने भारत को परमाणु हथियार देश बनाया। 1998 में, भारत ने एक सप्ताह में पांच परमाणु परीक्षण किए थे। पोखरण परमाणु परीक्षण भारत को परमाणु ऊर्जा बनाने की प्रमुख उपलब्धि है।