उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक शहर अलीगढ़ अभी तक सिर्फ ताला उद्योग और एजुकेशन सिटी के तौर पर ही जाना जाता था, लेकिन माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता का ही नतीजा है कि अलीगढ़ अब देश की सुरक्षा में भी बड़ा योगदान निभाना शुरू कर दिया है। अलीगढ़ डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की जिस सोच के साथ योगी सरकार आगे बढ़ रही है, वह रक्षा उत्पाद के मामले में तो देश को आत्मनिर्भर बनाएगा ही, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहा है। बीते 27 अगस्त को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ डिफेंस कॉरिडोर कैंपस में रोजगार मेले का उद्घाटन कर 5000 से अधिक युवाओं को नौकरी का तोहफा भी दिया। अलीगढ़ समेत यूपी में कुल 6 कॉरिडोर देश के दो डिफेंस कॉरिडोर में से एक उत्तर प्रदेश तेजी से आकार ले रहा है। डबल इंजन की सरकार में राज्य में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के 6 नोड आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट और झांसी हैं। आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से इन नोड्स में करीब 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता साफ हो चुका है। माना जा रहा है कि इससे प्रदेश के 40 हजार युवाओं के लिए सीधे तौर पर रोजगार का सृजन होगा। 6 नोड में से अगर हम सिर्फ अलीगढ़ की बात करें तो यह डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बड़ा आकार ले चुका है। इससे न सिर्फ देश के डिफेंस सिस्टम को बड़ा फायदा पहुंचा है, बल्कि अलीगढ़ और आसपास के कई जिलों के हजारों युवाओं के लिए रोजगार के सपने को भी साकार किया है। अलीगढ़ नोड में हथियारों का उत्पादन शुरू अलीगढ़ की खैर तहसील के अंडला में विकसित हो रहे डिफेंस कॉरिडोर में वेरीविन डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड ने 88 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। 2023 में फैक्ट्री का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गृह मंत्रालय ने जैसे ही हथियार बनाने की एनओसी मंजूर की, कंपनी ने अप्रैल 2024 में पिस्टल व रिवाल्वर का उत्पादन शुरू कर दिया। अमेरिकी कंपनी स्मिथ एंड वेसन के तकनीकी सहयोग से वेरीविन डिफेंस कंपनी 32 बोर, 357 बोर की रिवाल्वर बना रही है। इसके अलावा 32 बोर व 9 एमएम बोर की पिस्टल का उत्पादन भी किया जा रहा है। डिफेंस कॉरिडोर में हथियारों का उत्पादन शुरू होना अलीगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। कंपनी ने अभी तक 2 हजार रिवाल्वर व पिस्टल की बिक्री की है। 5 हजार से अधिक के आर्डर कंपनी के पास आ चुके हैं। 3300 करोड़ का निवेश, 5000 रोजगार सृजन अलीगढ़ डिफेंस कॉरिडोर की 90 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर 39 कंपनियां 3300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने जा रही हैं। इससे करीब 9000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। योगी आदित्यनाथ की सरकार इस डिफेंस कॉरिडोर नोड को विकसित करने के लिए 122 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च करने जा रही है। यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) के अनुसार, अब तक 39 कंपनियों ने इकाइयां लगाने के लिए एमओयू साइन किए हैं। इसमें से 23 कंपनियों को 62 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित कर दी गई है। जिन इकाइयों ने काम शुरू कर दिया है, उससे अब तक 5500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। अब तक अलीगढ़ नोड में 1800 करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है। ग्रेटर अलीगढ़ योजना ने पकड़ी रफ्तार डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड में निवेश करने वाली बड़ी कंपनियों में सैटेलाइट स्पेस पोर्ट का निर्माण करने वाली एमिटेक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड भी शामिल है। एमिटेक की ओर से 330 करोड़ रुपये का निवेश किया रहा है। वेरिविन डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 88 करोड़ रुपये का निवेश किया है। नित्या क्रिएशन्स इंडिया की ओर से 12 करोड़ रुपये की लागत से रक्षा उत्पाद से जुड़े घटकों का निर्माण किया जाएगा। इतना ही नहीं, अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) की महत्वाकांक्षी ग्रेटर अलीगढ़ योजना ने भी विकास की रफ्तार पकड़ ली है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल वित्तीय वर्ष समाप्त होने से महज 48 घंटे पहले 200 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई। इससे पहले 150 रुपये एडीए को पहले ही मिल चुके थे। एडीए ने खैर रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर के सामने सात गांवों में ग्रेटर अलीगढ़ नाम से इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्रस्तावित की है। कुल मिलाकर देखें तो योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने साढ़े साल के छोटे से कार्यकाल में अलीगढ़ को इस मुकाम पर तो पहुंचा ही दिया है कि जो लोग पहले अपने घर और दुकान की सुरक्षा अलीगढ़ के ताला से किया करते थे, अब वही अलीगढ़ 21वीं सदी के हिन्दुस्तान की सीमाओं की रक्षा का काम करने में भी बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। देश-दुनिया के नक्शे पर अलीगढ़ की चमक और धमक अब कुछ अलग ही अंदाज में होगी।