केंद्र सरकार की ओर से संचालित तमाम गरीब कल्याणकारी योजनाओं को मिशन मोड में धरातल पर उतारने के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। प्रधानमंत्री जनधन योजना उनमें से एक है। इस योजना का मकसद प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता, वित्तीय साक्षरता, ऋण की उपलब्धता, बीमा तथा पेंशन सुविधा समेत तमाम बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना है। इसमें लाभार्थियों को रूपे डेबिट कार्ड भी दिया जाता है, जिसमें एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर भी शामिल है। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सतत मॉनीटरिंग के कारण योजनाओं को न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध ढंग से जमीन पर उतारा जा रहा है, बल्कि इस आधार पर तेज गति से विकास का यूपी मॉडल स्थापित भी हो रहा है। वहीं इस योजना की वजह से गांवों और विशेषकर ग्रामीण महिलाओं तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचीं हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना में भी उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी सरकार ने बहुत तेजी से क्रियान्वयन कराया है। जिसके परिणामस्वरूप देश में जनधन खाताधारकों की संख्या जहां 53 करोड़ 12 लाख 96 हजार से ऊपर है, वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या 9 करोड़ 45 लाख 50 हजार को पार कर गई है। यह राज्यों के स्तर पर सर्वाधिक संख्या है। खास बात यह है कि इसमें लगभग 5 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाएं हैं जो कि प्रदेश में कुल खाताधारकों की संख्या के आधे से अधिक हैं। मार्च 2023 तक उत्तर प्रदेश में जनधन खातों की संख्या 08.68 करोड़ थी जो कि मार्च 2024 में बढ़कर 09.28 करोड़ पहुंच गई। ताजा आंकड़ों के अनुसार, 28 अगस्त 2024 तक यह संख्या 9 करोड़ 45 लाख 50 हजार को पार कर गई है। लगभग 5 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाएं पूरे देश में जनधन खाता खोलने के लिहाज से जहां उत्तर प्रदेश अव्वल हैं, वहीं महिलाओं के बैंक खाता खोलने के मामले में भी उत्तर प्रदेश अव्वल है। देश में महिला जनधन खाताधारकों की संख्या जहाँ 29.11 करोड़ है, वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या लगभग 5 करोड़ है जोकि प्रदेश में कुल खाताधारकों की संख्या के आधे से अधिक है। प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में आर्थिक समावेशन व सशक्तिकरण को समर्पित 'प्रधानमंत्री जन-धन योजना' के 10 वर्ष पूर्ण हो गए हैं।#UPCM श्री @myogiadityanath जी के कुशल नेतृत्व में 'प्रधानमंत्री जन-धन योजना' के अंतर्गत अब तक 94,550,249 बैंक खाते खोले गए हैं और इन… pic.twitter.com/S7KtHsBCsw — Government of UP (@UPGovt) August 28, 2024 वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश में खुले 65 लाख नये अकाउंट बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश में 65 लाख के करीब नए प्रधानमंत्री जनधन अकाउंट खोले गये हैं। इनमें से अब तक 91 प्रतिशत से अधिक जनधन खातों के आधार सीडिंग का भी कार्य पूरा हो चुका है। बता दें कि मार्च 2023 तक प्रदेश में जनधन खातों की संख्या 08.68 करोड़ थी जोकि मार्च 2024 में बढ़कर 09.28 करोड़ पहुंच गयी। ताजा आंकड़ों के अनुसार 29 मई 2024 तक यह संख्या 09.33 करोड़ हो चुकी है। 6. 71 करोड़ खाते ग्रामीण क्षेत्र में खुले केंद्रीय वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज़ की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार यूपी में प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत कुल 09 करोड़ 33 लाख 66 हजार 265 खाताधारक हैं। 29 मई 2024 तक के इन आंकड़ों पर नजर डालें तो इनमें 06 करोड़ 71 लाख 78 हजार 705 खाताधारक ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों के निवासी हैं, जबकि 02 करोड़ 61 लाख 87 हजार 560 खाताधारक शहरी और मेट्रो सिटी में रहने वाले गरीब हैं। एक साल में खुले 65 लाख नये अकाउंट बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश में 65 लाख के करीब नए प्रधानमंत्री जनधन अकाउंट खोले गये हैं। इनमें से अब तक 91 प्रतिशत से अधिक जनधन खातों के आधार सीडिंग का भी कार्य पूरा हो चुका है। बता दें कि मार्च 2023 तक प्रदेश में जनधन खातों की संख्या 08.68 करोड़ थी जोकि मार्च 2024 में बढ़कर 09.28 करोड़ पहुंच गयी। ताजा आंकड़ों के अनुसार 29 मई 2024 तक यह संख्या 09.33 करोड़ हो चुकी है। जनधन खातों में जमा होने वाली रकम लगातार बढ़ रही है। इस समय प्रदेश के जनधन खातों में करीब 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा हैं। पिछले साल इन्ही खातों में लगभग 34 हजार करोड़ रुपये जमा थे। यानी एक साल में जनधन खातों में 9 हजार करोड़ रुपये ज्यादा जमा हो गए। बैंकों द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। इसका मतलब ये है कि बैंकिंग को लेकर एक तरफ ग्राहकों में जागरूकता बढ़ी है तो दूसरी तरफ बैंकों ने भी बंद खातों को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। इसका परिणाम है कि वर्तमान में महज 60 लाख खातों से लेनदेन नहीं हो रहा है। अकाउंट में सीधे पहुंच रहा योजनाओं का लाभ प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता, वित्तीय साक्षरता, ऋण की उपलब्धता, बीमा तथा पेंशन सुविधा सहित सभी बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना है। इसके अलावा, लाभार्थियों को रूपे डेबिट कार्ड दिया जाता है, जिसमें एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर भी शामिल है। सबसे अहम बात यह कि इस योजना के अंतर्गत सभी सरकारी (केन्द्र, राज्य और स्थानीय निकाय से प्राप्त होने वाले) वित्तीय लाभों को लाभार्थियों के खातों में प्रत्यक्ष लाभांतरण (डीबीटी) के जरिए प्रदान किया जाता है। इससे लाभार्थियों को वित्तीय योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत सीधे उनके बैंक अकाउंट में प्राप्त हो रहा है। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में भी सफलता मिलती है।